नमस्ते दोस्तों,
हम सब जानते हैं कि सफलता के लिए कार्यवाही (Action) ज़रूरी है। लेकिन हममें से अधिकतर लोग एक जाल में फँस जाते हैं—वह है 'सही समय' (The Perfect Time) का इंतज़ार।
हम सोचते हैं: "जब मैं पूरी तरह तैयार हो जाऊँगा...", "जब मेरे पास ज़्यादा पैसे होंगे...", "जब बाज़ार स्थिर होगा..."—तब मैं शुरू करूँगा।
आज मैं आपको इस भ्रम से बाहर निकलने का सबसे बड़ा सबक देना चाहता हूँ: अपने लक्ष्य की ओर हमेशा विशाल, अपूर्ण कदम उठाओ, क्योंकि "सही समय" शायद कभी न आए।
पूर्णता का जाल (The Trap of Perfection)
परफेक्शनिज्म (पूर्णतावाद) अक्सर टालमटोल (Procrastination) का एक सुंदर मुखौटा होता है। हम चीज़ों को 'परफेक्ट' करने के नाम पर शुरू ही नहीं करते।
ज्ञान की कमी: जब तक आप काम शुरू नहीं करते, तब तक आपको पता ही नहीं चलेगा कि आपको किन चीज़ों की कमी है। आप अपनी सारी तैयारी एक भ्रम पर कर रहे होते हैं।
डर का मुखौटा: 'सही समय' का इंतज़ार करना अक्सर असफलता के डर को छिपाने का तरीका होता है। हम सोचते हैं कि अगर हम परफेक्ट तैयारी के साथ शुरू करेंगे, तो हम असफल नहीं होंगे—जो कि सच नहीं है।
गति का नुकसान: इंतज़ार करने में आप समय, ऊर्जा और अवसर खो देते हैं। आपका प्रतिस्पर्धी, जो आपसे कम तैयार है, लेकिन जिसने शुरू कर दिया है, वह आपसे बहुत आगे निकल जाएगा।
विशाल और अपूर्ण कार्यवाही क्यों ज़रूरी है?
हमें चाहिए Massive Imperfect Action (विशाल, अपूर्ण कार्यवाही)।
1. विशाल (Massive)
इसका मतलब यह नहीं कि आप सब कुछ एक दिन में करें। इसका मतलब है कि आप पूरी ऊर्जा और समर्पण के साथ काम करें। छोटे-छोटे, बिखरे हुए प्रयास नहीं; बल्कि एक साथ, लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम उठाएँ। यह आपके दिमाग़ को संदेश देता है कि आप गंभीर हैं।
2. अपूर्ण (Imperfect)
इसका मतलब है कि आप अधूरेपन को गले लगाएँ।
सीखना: आप पहले दिन ही परफेक्ट नहीं हो सकते। आपकी पहली कोशिश खराब होगी, और यह ठीक है। पहली कोशिश से आपको जो प्रतिक्रिया (Feedback) मिलेगी, वही आपको सिखाएगी कि आगे क्या सुधार करना है।
शुरुआत ही सब कुछ है: खराब शुरुआत, शुरुआत न करने से हमेशा बेहतर होती है। अपूर्ण कार्यवाही आपको गति (Momentum) देती है, और गति ही आपको प्रेरणा देती है।
निष्कर्ष: आज का दिन ही 'सही समय' है
आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ी रुकावट कोई बाहरी परिस्थिति नहीं है, बल्कि आपके दिमाग़ में 'सही समय' का इंतज़ार करने वाला विचार है।
इतिहास में किसी भी महान उद्यमी, वैज्ञानिक या कलाकार ने 'सही समय' का इंतज़ार नहीं किया। उन्होंने उस समय काम शुरू कर दिया, जब सब कुछ अव्यवस्थित था।
अगर आपके पास 60% जानकारी है, तो शुरू कर दीजिए! आप रास्ते में बाकी 40% सीख लेंगे।
अपना सबसे बड़ा कदम उठाएँ, भले ही वह लड़खड़ाता हुआ हो। क्योंकि आज ही वह समय है जिसे आप नियंत्रित कर सकते हैं।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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