नमस्ते दोस्तों,
हम अपनी ज़िंदगी में कई बार असफल होते हैं। किसी परीक्षा में फ़ेल हो जाते हैं, किसी व्यापार में नुकसान उठा लेते हैं, या कोई बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते। इन असफलताओं से हमें दुःख होता है, लेकिन वे हमें कुछ सिखाती भी हैं।
मगर, ज़िंदगी में एक ऐसी असफलता भी होती है, जो सबसे ज़्यादा दर्द देती है—वह है पछतावा।
यह एक ऐसा विचार है जो हमें कभी हार न मानने की प्रेरणा देता है: जीवन की असली असफलता तब होती है, जब आपको यह एहसास नहीं होता कि जब आपने हार मान ली थी, तब आप सफलता के कितने करीब थे।
सफलता और असफलता के बीच की बारीक रेखा
सफलता और असफलता दो अलग-अलग रास्ते नहीं हैं; वे एक ही रास्ते के दो छोर हैं। हम अक्सर सोचते हैं कि सफलता दूर किसी पहाड़ की चोटी पर है, लेकिन सच्चाई यह है कि यह अगले ही मोड़ पर इंतज़ार कर रही होती है।
अज्ञात दूरी: जब हम किसी लंबी यात्रा पर निकलते हैं, तो हमें पता नहीं होता कि मंज़िल कितनी दूर है। हम बस चलते रहते हैं। ठीक इसी तरह, सफलता की यात्रा में भी हमें पता नहीं होता कि जीत बस अगले ही दरवाज़े पर है या नहीं।
निराशा का क्षण: जब आप हार मानते हैं, तो यह इसलिए नहीं होता कि आप अक्षम थे, बल्कि इसलिए होता है क्योंकि आप मानसिक रूप से थक चुके थे। आप उस समय निराश होते हैं जब आपकी ऊर्जा ज़वाब दे चुकी होती है, और आप भूल जाते हैं कि आपके पास जो अनुभव और ज्ञान अब है, वह पहले कभी नहीं था।
पछतावा: सबसे बड़ी कीमत
सबसे बड़ी कीमत जो हम हार मानकर चुकाते हैं, वह है पछतावा (Regret)।
क्या आपने एडिसन की कहानी सुनी है? उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने से पहले हज़ारों बार असफलता का सामना किया। अगर वह 999वें प्रयास में हार मान लेते, तो वह कभी नहीं जान पाते कि 1000वाँ प्रयास ही वह प्रयास था जो काम करने वाला था।
सोचिए उस व्यक्ति के बारे में जिसने अपना व्यवसाय शुरू किया, 5 साल तक संघर्ष किया, और जब बाज़ार में बदलाव आने वाला था, ठीक उससे एक महीने पहले उसने हार मान ली। उसे कभी पता नहीं चला कि वह अपनी सबसे बड़ी सफलता से केवल 30 दिन दूर था।
यह एहसास कि "अगर मैं एक बार और कोशिश कर लेता..." ही असली असफलता है, क्योंकि यह आपके सभी पिछले प्रयासों को व्यर्थ कर देता है।
निष्कर्ष
जब भी आप थका हुआ महसूस करें और हार मानने का मन करे, तो इस विचार को याद रखें। हो सकता है कि आप उस सोने की नस (Gold Vein) से बस एक फावड़ा दूर हों जिसे आप खोद रहे थे।
अपनी उस मेहनत को याद करें जो आपने अब तक की है। उस ज्ञान को याद करें जो आपने अब तक अर्जित किया है।
रुकना मत। एक कदम और बढ़ाइए।
क्योंकि जीवन का सबसे बड़ा धोखा यही है—कि जब आप हार मानते हैं, तो आप नहीं जानते कि बाज़ी पलटने वाली थी। अपनी ऊर्जा बचाएँ, और उस एक अंतिम प्रयास के लिए तैयार रहें।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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