#121. सफलता का कड़वा सच: वह काम करना जो आम इंसान नहीं करना चाहता

नमस्ते दोस्तों,

जब हम सफल लोगों की कहानियाँ सुनते हैं, तो अक्सर लगता है कि उनके पास कोई जादुई प्रतिभा या खास किस्मत थी। लेकिन अगर आप गहराई से देखें, तो सफलता का रहस्य बहुत सरल है, पर इसे निभाना कठिन है।

सफलता का सूत्र यह है: सफलता वह करने की इच्छा है जिसे एक आम इंसान करने को तैयार नहीं होता।

सफलता कोई भाग्य का खेल नहीं है। यह उन छोटे-छोटे, कठिन और अक्सर उबाऊ फैसलों का परिणाम है जो हम हर दिन लेते हैं।


आम इंसान क्या नहीं करना चाहता?

ज्यादातर लोग आरामदायक जीवन जीना चाहते हैं। वे तत्काल संतुष्टि (Instant Gratification) चाहते हैं और उन चीज़ों से दूर भागते हैं जो असुविधाजनक हैं। आम इंसान टालता है:

  1. कठिन काम: वह काम जिसमें ज़्यादा दिमागी या शारीरिक मेहनत लगे। वह शॉर्टकट खोजता है, जबकि सफल लोग जानते हैं कि कोई शॉर्टकट नहीं होता।

  2. लगातार प्रयास (Consistency): एक-दो दिन जोश दिखाने के बाद, आम इंसान ऊब जाता है और रुक जाता है। वह लंबी अवधि के लिए एक ही अनुशासन को बनाए नहीं रख पाता।

  3. अस्वीकृति का सामना (Facing Rejection): आम इंसान डरता है कि "लोग क्या कहेंगे?" या "अगर मैं असफल हो गया तो?" इसलिए वह कोई जोखिम नहीं लेता।

  4. सीखने में निवेश: आम इंसान टीवी देखने या सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने को प्राथमिकता देता है, जबकि सफल लोग उस समय को सीखने, किताबें पढ़ने और खुद को बेहतर बनाने में लगाते हैं।


सफल व्यक्ति क्यों "असुविधा" चुनता है?

सफल लोग भी इंसान हैं; उन्हें भी आराम करना पसंद है। लेकिन उनके पास एक स्पष्ट दृष्टि (Vision) होती है और वे जानते हैं कि उन्हें अपनी मंज़िल तक पहुँचने के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी।

  1. दीर्घकालिक सोच (Long-Term Thinking): सफल व्यक्ति आज की असुविधा को कल के बड़े लाभ के रूप में देखता है। वह जानता है कि आज का त्याग उसे भविष्य में बड़ा प्रतिफल देगा।

  2. अनुशासन की शक्ति (Power of Discipline): सफल व्यक्ति अपनी भावनाओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता। जब मन कहता है, "रुक जाओ," तब भी उसका अनुशासन उसे काम करने के लिए मजबूर करता है।

  3. दर्द को ईंधन बनाना (Fueling with Pain): वे असफलता या आलोचना के दर्द को हार मानने के बजाय, आगे बढ़ने का ईंधन बनाते हैं। वे जानते हैं कि विकास असुविधा के क्षेत्र में ही होता है।


निष्कर्ष

आपकी सफलता और असफलता के बीच का अंतर आपकी क्षमता में नहीं, बल्कि आपकी इच्छाशक्ति में है। क्या आप वह काम करने को तैयार हैं जो 95% लोग नहीं करेंगे?

अगर आप आज सुबह 5 बजे उठकर काम करते हैं, जबकि बाकी लोग सो रहे हैं—आप सफल हैं। अगर आप आलोचना मिलने पर काम छोड़ते नहीं, बल्कि सीखते हैं—आप सफल हैं।

याद रखें, भीड़ का हिस्सा बनना आसान है, पर अलग खड़ा होना मुश्किल। लेकिन यही मुश्किल राह आपको आपकी मंज़िल तक पहुँचाएगी।

धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.

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