नमस्ते दोस्तों,
ज़िंदगी में हम सभी को कभी न कभी ठेस पहुँचती है। कोई हमारे साथ ग़लत व्यवहार करता है, कोई हमारा भरोसा तोड़ता है, या कोई हमें जानबूझकर दुखी करता है। ऐसे में हमारे मन में गुस्सा, नफरत और बदले की भावना पैदा होना स्वाभाविक है। लेकिन क्या ये भावनाएँ हमें सच में शांति देती हैं?
यह एक ऐसा विचार है जो हमें मानसिक शांति का रास्ता दिखाता है: जब कोई आपको ठेस पहुँचाए, तो भी उसे माफ़ करने, समझने और जाने देने की शक्ति खोजें।
यह आसान नहीं है, लेकिन यह आपके अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है।
माफ़ करना: यह उनके लिए नहीं, आपके लिए है
अक्सर हम सोचते हैं कि माफ़ करने का मतलब है कि हम सामने वाले को उसके किए की सज़ा नहीं दे रहे हैं। लेकिन यह सच नहीं है। माफ़ करना सबसे पहले आपके लिए है। जब तक आप किसी को माफ़ नहीं करते, आप उस नफरत और गुस्से के बोझ को ढोते रहते हैं। यह बोझ आपको अंदर से खोखला कर देता है।
माफ़ करने का मतलब यह नहीं कि आप उनकी ग़लती को भूल जाएँ या उनके व्यवहार को स्वीकार करें। इसका मतलब यह है कि आप उस घटना से जुड़े दर्द को छोड़ दें और आगे बढ़ें।
समझना: हर कहानी के दो पहलू होते हैं
जब कोई हमें ठेस पहुँचाता है, तो हम सिर्फ़ अपने दर्द पर ध्यान केंद्रित करते हैं। लेकिन अगर हम एक पल रुककर यह सोचें कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो हम एक नई रोशनी पा सकते हैं।
हो सकता है कि वे खुद किसी दर्द से गुज़र रहे हों।
हो सकता है कि वे अज्ञानता में हों और उन्हें अपने व्यवहार के परिणाम का एहसास न हो।
हो सकता है कि उनकी अपनी ज़िंदगी में कुछ ऐसा हुआ हो जिसने उन्हें ऐसा बना दिया हो।
यह उन्हें सही नहीं ठहराता, लेकिन यह हमें उन्हें समझने में मदद करता है। जब हम समझते हैं, तो हमारी नफरत कम हो जाती है।
जाने देना: अपनी शांति की ओर
माफ़ करना और समझना सिर्फ़ पहला कदम है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण कदम है जाने देना। यह अतीत को पीछे छोड़ने और अपने वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने के बारे में है।
जाने देने का मतलब यह नहीं है कि आप कमज़ोर हैं। इसका मतलब है कि आप इतने मज़बूत हैं कि आप अपनी खुशी के लिए अतीत के दर्द को छोड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
किसी को माफ़ करना एक आसान काम नहीं है, लेकिन यह स्वतंत्रता का मार्ग है। जब आप माफ़ करते हैं, समझते हैं, और जाने देते हैं, तो आप खुद को उस भावनात्मक जेल से मुक्त कर लेते हैं जिसमें आप फंसे हुए थे।
आपकी मानसिक शांति और खुशी किसी भी नफरत से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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