नमस्ते दोस्तों,
ज़िंदगी एक यात्रा है, और इस यात्रा में दर्द का आना तय है। यह शारीरिक हो सकता है, जैसे किसी चोट का दर्द, या फिर भावनात्मक, जैसे किसी रिश्ते का टूटना। हममें से कोई भी इस सच्चाई से भाग नहीं सकता।
लेकिन, दर्द और उससे जुड़ी हमारी प्रतिक्रिया में एक बड़ा फ़र्क है। आप दर्द को पूरी तरह से टाल नहीं सकते, लेकिन आपके पास हमेशा यह चुनाव होता है कि आप उसे कैसे पार करते हैं।
दर्द को समझना
दर्द कोई दुश्मन नहीं है, यह एक संकेत है। यह हमें बताता है कि कुछ ठीक नहीं है, या हमें कुछ सीखने की ज़रूरत है। अगर कोई रिश्ता टूटता है, तो उसका दर्द हमें यह सिखाता है कि हमें खुद पर और अपनी खुशियों पर ध्यान देना चाहिए। अगर हम कोई गलती करते हैं और उसका दर्द महसूस करते हैं, तो यह हमें बताता है कि हमें आगे क्या नहीं करना है।
जब हम दर्द को स्वीकार करते हैं, तो हम उसकी शक्ति को समझते हैं। हम जानते हैं कि यह अस्थायी है और यह हमें तोड़ नहीं सकता, बल्कि मज़बूत बना सकता है।
जीतने का चुनाव
दर्द को जीतना कोई जादुई प्रक्रिया नहीं है। यह एक सचेत (conscious) चुनाव है। यह चुनाव है:
पीड़ित बनने के बजाय योद्धा बनने का।
शिकायत करने के बजाय समाधान खोजने का।
गिरने के बाद वहीं रहने के बजाय फिर से खड़े होने का।
दर्द में हम अक्सर खुद को अकेला महसूस करते हैं। लेकिन जब हम उसे जीतने का चुनाव करते हैं, तो हम पाते हैं कि हमारे भीतर एक अद्भुत शक्ति छिपी है। यह शक्ति हमें हर मुश्किल का सामना करने की हिम्मत देती है।
निष्कर्ष
आपकी ज़िंदगी में दर्द आएगा। यह निश्चित है। लेकिन यह भी निश्चित है कि आप उस दर्द से बड़े हैं।
दर्द को अपनी कहानी का अंत न बनने दें। उसे अपनी कहानी का सबसे मज़बूत हिस्सा बनने दें। दर्द को एक शिक्षक की तरह स्वीकार करें, उससे सीखें और उसे पार करें।
क्योंकि आपकी असली ताकत इस बात में नहीं है कि आपने कभी दर्द महसूस नहीं किया, बल्कि इस बात में है कि आप हर दर्द को पार करके एक बेहतर इंसान बने हैं।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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