नमस्ते दोस्तों,
आज एक ऐसे विचार पर बात करते हैं जो हमें हमारे सबसे बड़े लक्ष्यों तक पहुँचने का रास्ता दिखाता है।
हम अक्सर किसी बड़े लक्ष्य को देखकर डर जाते हैं। चाहे वह कोई बड़ा बिज़नेस शुरू करना हो, कोई किताब लिखना हो, या कोई नया कौशल सीखना हो। हमें लगता है कि यह असंभव है और हम शुरू ही नहीं कर पाते। लेकिन यह विचार हमें सिखाता है कि असंभव कुछ भी नहीं है, बस हमें सही क्रम में आगे बढ़ना होता है।
1. पहले ज़रूरी काम करें (The Necessary)
हर बड़े लक्ष्य की शुरुआत छोटे और ज़रूरी कामों से होती है। ये वो काम होते हैं जिन्हें हम टालते हैं, क्योंकि वे रोमांचक नहीं होते, लेकिन उनके बिना आगे बढ़ना संभव नहीं होता।
अगर आप एक किताब लिखना चाहते हैं, तो पहला ज़रूरी काम है एक विषय चुनना और उसकी रूपरेखा (outline) बनाना।
अगर आप एक बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं, तो पहला ज़रूरी काम है बाज़ार को समझना और एक बिज़नेस प्लान बनाना।
यह चरण हमें ज़मीन से जोड़ता है और हमें एक ठोस नींव देता है। जब हम ज़रूरी काम पूरा कर लेते हैं, तो हमारे अंदर आत्मविश्वास आता है।
2. फिर संभव काम करें (The Possible)
एक बार जब आप ज़रूरी काम पूरा कर लेते हैं, तो आपके सामने कुछ ऐसे काम आते हैं जो संभव लगते हैं। ये वो काम होते हैं जो आपके comfort zone से थोड़ा बाहर होते हैं, लेकिन नामुमकिन नहीं लगते।
अगर आपने अपनी किताब की रूपरेखा बना ली है, तो अगला संभव काम है पहला अध्याय लिखना।
अगर आपने अपना बिज़नेस प्लान बना लिया है, तो अगला संभव काम है पहले ग्राहक से मिलना या एक छोटा प्रोटोटाइप बनाना।
इस चरण में, आप अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं। आप हर संभव काम को करते जाते हैं और पाते हैं कि आपकी हिम्मत और आत्मविश्वास बढ़ रहा है।
3. और फिर, आप असंभव को कर रहे होंगे (The Impossible)
जब आप लगातार ज़रूरी और संभव कामों को करते जाते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपने लक्ष्य के इतना करीब पहुँच जाते हैं कि आपको खुद भी पता नहीं चलता कि आपने कब असंभव को संभव बना दिया।
यह कोई जादू नहीं है। यह उन सभी छोटे-छोटे कदमों का परिणाम है जो आपने उठाए हैं। जब आप अपनी किताब का पहला अध्याय, फिर दूसरा, और फिर तीसरा लिखते हैं, तो एक दिन आप पूरी किताब लिख लेते हैं। जब आप एक-एक ग्राहक से मिलते हैं, तो एक दिन आपके पास एक सफल बिज़नेस होता है।
असंभव बस एक बड़ा शब्द है, जो कई छोटे-छोटे संभव और ज़रूरी कामों से बना होता है।
निष्कर्ष: छोटे कदमों से बड़ी जीत
तो दोस्तों, अगर आप किसी बड़े सपने को पूरा करना चाहते हैं, तो उसे देखकर डरें नहीं।
सबसे पहले, उन ज़रूरी कामों की पहचान करें जिन्हें आपको आज ही करना है। फिर, उन संभव कामों को पूरा करें जिन्हें आप कल कर सकते हैं।
आप देखेंगे कि एक दिन आप उस सपने को जी रहे होंगे जिसे आप कभी असंभव समझते थे।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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