नमस्ते दोस्तों,
आज एक ऐसे विचार पर बात करते हैं जो हमें ज़िंदगी में आगे बढ़ने की शक्ति देता है: हमेशा देखें कि आपके पास क्या बचा है और क्या आने वाला है। कभी भी यह न देखें कि आपने क्या खो दिया है।
यह बात सुनने में सरल लगती है, लेकिन जब हम मुश्किल समय से गुज़र रहे होते हैं, तो इसे अपनाना सबसे मुश्किल होता है। हमारा मन बार-बार उस चीज़ की ओर लौटता है जिसे हमने खो दिया है - चाहे वह कोई रिश्ता हो, कोई नौकरी हो, कोई अवसर हो, या कोई सपना हो।
खोए हुए पर ध्यान क्यों नहीं देना चाहिए?
जब हम खोई हुई चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम अपना समय और ऊर्जा बर्बाद करते हैं। यह एक ऐसा जाल है जिसमें हम फंसकर रह जाते हैं और आगे नहीं बढ़ पाते।
नकारात्मकता का जाल: खोई हुई चीज़ों के बारे में सोचने से सिर्फ़ दुख, पछतावा और निराशा ही मिलती है। यह नकारात्मकता हमें paralyze कर देती है और हमें भविष्य के लिए कोई योजना बनाने से रोकती है।
ऊर्जा की बर्बादी: हमारा मन एक सीमित ऊर्जा का स्रोत है। अगर हम अपनी ऊर्जा को खोए हुए अतीत पर खर्च करते हैं, तो हमारे पास अपने वर्तमान और भविष्य के लिए कुछ नहीं बचता।
जो बचा है, उस पर ध्यान क्यों देना चाहिए?
इसके विपरीत, जब हम यह देखते हैं कि हमारे पास क्या बचा है, तो हम एक नई आशा और प्रेरणा पाते हैं।
कृतज्ञता का भाव: जब हम अपने पास बची हुई चीज़ों पर ध्यान देते हैं, तो हम कृतज्ञ महसूस करते हैं। यह कृतज्ञता हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती है और हमें यह एहसास कराती है कि हमारे पास अभी भी बहुत कुछ है।
नई शुरुआत का अवसर: जब आप खोए हुए को भूल जाते हैं, तो आप पाते हैं कि आपके पास अभी भी कई अवसर हैं। आपके पास नई शुरुआत करने की शक्ति है, नए सपने देखने का मौका है, और अपनी ज़िंदगी को फिर से बनाने की क्षमता है।
क्या आने वाला है, उस पर ध्यान क्यों देना चाहिए?
भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना हमें एक उद्देश्य देता है।
लक्ष्य पर ध्यान: जब हम अपने भविष्य के लक्ष्यों पर ध्यान देते हैं, तो हम प्रेरित महसूस करते हैं। यह प्रेरणा हमें हर दिन काम करने की हिम्मत देती है, भले ही हमारा अतीत कितना भी मुश्किल क्यों न रहा हो।
उम्मीद और उत्साह: भविष्य के बारे में सोचना हमें उम्मीद और उत्साह से भर देता है। यह हमें यह विश्वास दिलाता है कि हमारा सबसे अच्छा समय अभी आना बाकी है।
निष्कर्ष: अपनी यात्रा के मालिक बनें
आपकी ज़िंदगी एक यात्रा है, और हर यात्रा में कुछ न कुछ छूट जाता है। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप अपने रास्ते पर ध्यान दें, न कि पीछे छूटे हुए पड़ावों पर।
जो आपने खो दिया है, उसे छोड़ दें। उस अनुभव से सीखें, और आगे बढ़ें। अपने पास बची हुई चीज़ों का सम्मान करें, और अपने आने वाले भविष्य का स्वागत करें।
क्योंकि आपकी ज़िंदगी की असली कहानी वह नहीं है जो आपने खो दी है, बल्कि वह है जो आपके पास बची है और जो आने वाली है।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Ludhiana, Punjab.
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