#3. उलझन, Discipline, और Regret

आज भी रोज़ की तरह सुबह 6 बजे उठा। हमेशा की तरह कल रात भी पूरी excitement थी कि सुबह उठकर exercise करनी है।

लेकिन पता नहीं क्या हुआ, सुबह उठने के बाद थोड़ा मन बदलने लगा।

कभी-कभी ऐसा होता रहता है, खासकर उस दौरान जब एक break के बाद फिर से अपना routine शुरू करना होता है।

और अगर एक बार हमने आलस को अपने routine से ऊपर रख दिया तो फिर एक सिलसिला शुरू हो जाता है। और धीरे-धीरे हमारी आदत छूट जाती है।

हालाँकि कभी-कभी अपने regular routine से rest ले लेना कोई ख़राब बात नहीं है, लेकिन उसके लिए guilty feel करना गलत है। अगर हम ऐसी unexpected रुकावटों का अफ़सोस करने लगे, फिर तो समझो कोई काम complete हो नहीं पाएगा।

इसलिए मैं पहली कोशिश तो करता हूँ कि अपने routine को discipline से follow करता रहूँ। और अगर कभी-कभी किसी कारणवश follow नहीं हो पाया तो उसके लिए regret न करके आगे focus करता हूँ, ताकि बाकी पूरा दिन अच्छे से गुजरे।

वैसे आज मैंने दोनों के बीच का रास्ता choose किया और exercise न करके सिर्फ morning walk पर गया और हमेशा की तरह लौकी और पेठे का जूस भी पिया। फिर अपना पूरा दिन हमेशा की तरह ही excitement से बिताया।

फिलहाल सोने की तैयारी कर रहा हूँ ताकि कल सुबह भी अपने टाइम पर उठ सकूँ और morning routine से फिर से energy बटोर सकूँ।

शुभरात्रि!
Madhusudan Somani.

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