#9. खुश लोग, प्रेरणा का स्रोत
आज मैंने इंटरनेट पर एक विचार पढ़ा - "खुश लोग हमेशा दूसरों के लिए प्रेरणा होते हैं। आप भी दूसरों के लिए प्रेरणा बनिए।" यह बात कितनी सच है, है ना?
जब मैं किसी खुश इंसान को देखता हूँ, तो अनायास ही मेरे चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती है। उनकी ऊर्जा, उनका उत्साह, और जीवन के प्रति उनका सकारात्मक दृष्टिकोण, सब कुछ मुझे भीतर से छू जाता है। सोचो, जब हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ होते हैं जो हर छोटी बात में खुशी ढूंढ लेता है, तो हमारा मूड भी बेहतर हो जाता है। उनकी मौजूदगी में जैसे एक अलग ही सकारात्मकता फैल जाती है।
मुझे याद है, मेरी बड़ी दीदी हमेशा खुश रहती हैं, फिर चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। उनके चेहरे पर हमेशा एक शांत मुस्कान रहती है। मैंने उन्हें कभी किसी की बातों को दिल पर लेते नहीं देखा। लोग कुछ भी कहें, वो अपनी धुन में खुश रहती हैं और अपनी खुशी कभी कम नहीं होने देतीं। उनकी यह आदत मुझे हमेशा प्रेरित करती थी कि जीवन में चुनौतियाँ तो आएंगी, लेकिन उनसे परेशान होने की बजाय, हमें उनमें भी कुछ अच्छा ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। उनकी खुशी केवल उनके लिए नहीं है, बल्कि वह पूरे परिवार के लिए एक रोशनी की तरह है। उनकी मौजूदगी में हम सब खुद-ब-खुद खुश महसूस करते हैं।
खुश रहना कोई दिखावा नहीं है, यह एक चुनाव है। यह जीवन के प्रति एक दृष्टिकोण है। और जब हम खुश रहने का चुनाव करते हैं, तो अनजाने में ही हम दूसरों को भी यही सिखा रहे होते हैं कि मुश्किलों के बावजूद भी खुश रहा जा सकता है। हम उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि जीवन में अभी भी बहुत कुछ अच्छा है, जिसके लिए आभारी रहा जा सकता है।
इसलिए, आज मैंने खुद से वादा किया है कि मैं भी अपनी खुशी को दूसरों के साथ बांटूंगा। अपनी मुस्कान से, अपनी सकारात्मक बातों से, अपने छोटे-छोटे अच्छे कामों से। क्योंकि शायद मेरी एक छोटी सी खुशी, किसी और के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन जाए। और यही तो जीवन का असली मकसद है - एक-दूसरे को बेहतर बनने में मदद करना, खुशियों को फैलाना।
तो आइए, आज से हम सब अपनी खुशी को अपनी ताकत बनाएं और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें।
शुभ रात्रि!
जब मैं किसी खुश इंसान को देखता हूँ, तो अनायास ही मेरे चेहरे पर भी एक मुस्कान आ जाती है। उनकी ऊर्जा, उनका उत्साह, और जीवन के प्रति उनका सकारात्मक दृष्टिकोण, सब कुछ मुझे भीतर से छू जाता है। सोचो, जब हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ होते हैं जो हर छोटी बात में खुशी ढूंढ लेता है, तो हमारा मूड भी बेहतर हो जाता है। उनकी मौजूदगी में जैसे एक अलग ही सकारात्मकता फैल जाती है।
मुझे याद है, मेरी बड़ी दीदी हमेशा खुश रहती हैं, फिर चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। उनके चेहरे पर हमेशा एक शांत मुस्कान रहती है। मैंने उन्हें कभी किसी की बातों को दिल पर लेते नहीं देखा। लोग कुछ भी कहें, वो अपनी धुन में खुश रहती हैं और अपनी खुशी कभी कम नहीं होने देतीं। उनकी यह आदत मुझे हमेशा प्रेरित करती थी कि जीवन में चुनौतियाँ तो आएंगी, लेकिन उनसे परेशान होने की बजाय, हमें उनमें भी कुछ अच्छा ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए। उनकी खुशी केवल उनके लिए नहीं है, बल्कि वह पूरे परिवार के लिए एक रोशनी की तरह है। उनकी मौजूदगी में हम सब खुद-ब-खुद खुश महसूस करते हैं।
खुश रहना कोई दिखावा नहीं है, यह एक चुनाव है। यह जीवन के प्रति एक दृष्टिकोण है। और जब हम खुश रहने का चुनाव करते हैं, तो अनजाने में ही हम दूसरों को भी यही सिखा रहे होते हैं कि मुश्किलों के बावजूद भी खुश रहा जा सकता है। हम उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि जीवन में अभी भी बहुत कुछ अच्छा है, जिसके लिए आभारी रहा जा सकता है।
इसलिए, आज मैंने खुद से वादा किया है कि मैं भी अपनी खुशी को दूसरों के साथ बांटूंगा। अपनी मुस्कान से, अपनी सकारात्मक बातों से, अपने छोटे-छोटे अच्छे कामों से। क्योंकि शायद मेरी एक छोटी सी खुशी, किसी और के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन जाए। और यही तो जीवन का असली मकसद है - एक-दूसरे को बेहतर बनने में मदद करना, खुशियों को फैलाना।
तो आइए, आज से हम सब अपनी खुशी को अपनी ताकत बनाएं और दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें।
शुभ रात्रि!
Madhusudan Somani.
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