#4. Decision और Right Decision

आज सुबह मैं बैठा था और अपने पुराने कुछ choices के बारे में सोच रहा था। अक्सर हम सब सोचते हैं कि काश हमने तब वो "right decision" लिया होता। लेकिन क्या सच में right decision जैसी कोई चीज़ होती है? या शायद असली चीज़ तो decision लेना ही है?

मुझे लगता है कि हम अक्सर इसी डर में अटक जाते हैं कि कहीं हम कुछ गलत न चुन लें। यह सोच-सोचकर कि "what if this goes wrong?", हम कोई कदम ही नहीं उठाते। यह एक huge problem है। Inaction किसी भी गलत decision से ज़्यादा खतरनाक हो सकता है।

Life में कई बार ऐसा होता है जब हमारे पास सारी information नहीं होती। हम फ्यूचर को नहीं देख सकते। ऐसे में, perfect decision का इंतजार करना simply unrealistic है। हमें बस एक bold step लेना होता है। एक बार जब हम कोई decision ले लेते हैं, तो हमारे पास कुछ होता है जिस पर हम work कर सकते हैं। हम उसे adjust कर सकते हैं, improve कर सकते हैं, या ज़रूरत पड़ने पर change भी कर सकते हैं।

गलतियाँ तो होंगी ही। हर decision "right" नहीं हो सकता। लेकिन उन गलतियों से ही तो हम सीखते हैं। अगर हम डर के मारे कोई decision ही नहीं लेंगे, तो सीखने का मौका ही नहीं मिलेगा। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे आप ड्राइविंग सीख रहे हों। आप कभी नहीं सीखेंगे अगर आप कार स्टार्ट ही न करें, सिर्फ इसलिए कि आपको डर है कि आप गलत turn ले लेंगे। आपको ड्राइव करना होगा, mistakes करनी होंगी, और उन्हीं से सीखना होगा।

इसलिए, मेरा आज का takeaway यही है: Don't chase the perfect decision, just make a decision. Move forward. Action लो। क्योंकि कोई भी decision न लेना, शायद सबसे गलत decision है।

शुभ रात्रि!
Madhusudan Somani

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