#30. कल की असफलताएँ, आज के बीज

नमस्ते दोस्तों,

आज एक ऐसे विचार पर बात करते हैं जो हमें हर मुश्किल के बाद उठ खड़े होने की हिम्मत देता है: कल की असफलताएँ आज के वे बीज हैं जिन्हें लगन से बोना पड़ता है, ताकि हम कल सफलता की भरपूर फसल काट सकें।

हममें से कौन है जिसने ज़िंदगी में कभी असफलता का सामना न किया हो? कोई ज़रूरी प्रोजेक्ट फेल हो गया, किसी रिश्ते में खटास आ गई, या कोई लक्ष्य हासिल न हो पाया। ऐसे में मन में निराशा आती है, हताशा घेर लेती है। हमें लगता है कि सब खत्म हो गया, कि हम शायद सफल नहीं हो सकते।

लेकिन मेरा मानना है कि असफलता कोई अंत नहीं है, बल्कि यह भविष्य की सफलता का शुरुआती बिंदु है। यह सिर्फ़ एक संकेत है कि हमें अपने तरीके बदलने होंगे, कुछ नया सीखना होगा, या शायद और ज़्यादा मेहनत करनी होगी। हर असफलता अपने साथ एक अमूल्य सबक लेकर आती है, और यही सबक भविष्य की सफलता के बीज होते हैं।

असफलता: सिर्फ़ एक 'रुकने का निशान' नहीं

सोचिए, एक बीज जब ज़मीन में बोया जाता है, तो वह पहले खुद को तोड़ता है, मिट्टी में घुलता है, और फिर कहीं जाकर एक पौधा बनकर बाहर आता है। ठीक वैसे ही, हमारी असफलताएँ भी हमें तोड़ती हैं, हमें असहज करती हैं, लेकिन अगर हम उन्हें सही ढंग से देखें, तो वे हमें नया जीवन दे सकती हैं।

जब मैं Byju's में काम कर रहा था, तो कई बार ऐसे सेल्स टारगेट मिले जो पूरा करना नामुमकिन लगते थे। कई प्रेजेंटेशन फेल हुए, कई क्लाइंट्स ने 'ना' कह दिया। उस वक़्त लगता था कि शायद मैं इस काम के लिए बना ही नहीं हूँ। लेकिन हर असफलता ने मुझे सिखाया कि कहाँ कमी रह गई – शायद मेरी बातचीत का तरीका गलत था, या मैं सही ग्राहक तक नहीं पहुँच पा रहा था। इन अनुभवों को मैंने बीज की तरह अपने अंदर बोया, उन पर मनन किया, और अगली बार बेहतर तैयारी के साथ उतरा। इसी लगन का नतीजा था कि मैं धीरे-धीरे सफल होने लगा।

बीज बोने का अर्थ: लगन और मेहनत

सिर्फ़ यह जान लेना काफ़ी नहीं है कि असफलताएँ बीज हैं। इन बीजों को लगन से बोना पड़ता है:

  1. विश्लेषण (Analysis): सबसे पहले, अपनी असफलता का निष्पक्ष रूप से विश्लेषण करें। क्या गलत हुआ? क्यों हुआ? इसमें आपकी क्या भूमिका थी?

  2. सीख (Learning): हर असफलता से एक स्पष्ट सीख लें। यह सीख ही वह उर्वरक (fertilizer) है जो बीज को बढ़ने में मदद करेगा।

  3. योजना (Planning): सीखी हुई बातों के आधार पर एक नई और बेहतर योजना बनाएं।

  4. प्रयास (Effort): फिर से प्रयास करें, लेकिन इस बार पुरानी गलतियों को दोहराए बिना। इसमें धैर्य और दृढ़ता की ज़रूरत होती है।


कल की सफलता: भरपूर फसल

जब आप अपनी असफलताओं को सीखने के अवसर के रूप में देखते हैं और उन 'बीजों' को लगन से बोते हैं, तो आप देखेंगे कि कल आपको सफलता की भरपूर फसल मिलेगी। यह सिर्फ़ लक्ष्य हासिल करने की बात नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में विकसित होने की बात है जो मुश्किलों से डरता नहीं, बल्कि उनसे सीखकर और मज़बूत बनता है।

तो दोस्तों, अपनी पिछली असफलताओं से निराश न हों। उन्हें अपनी जेब में पड़े अनमोल बीजों की तरह देखें। उन बीजों को बोएं, उनकी देखभाल करें, और धैर्य रखें। क्योंकि आपकी सबसे बड़ी सफलताएँ अक्सर उन्हीं ज़मीनों से उपजती हैं जहाँ आपने सबसे ज़्यादा बार ठोकर खाई होती है।

धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Sector 32A, Ludhiana.

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