#1. Restarting Writing as a Habit: Reel World से Real World तक
काफी टाइम हो गया मैंने कुछ नहीं लिखा। या ये कह सकते हैं कि regular लिखने की आदत छूट गई। Professional life में आने के बाद, लिखने का टाइम ही कहाँ मिलता था? फिर धीरे-धीरे बाकी चीजें ज़रूरी होती गईं और लिखना बिल्कुल बंद सा हो गया।
हालाँकि कुछ ख़ास दोस्तों के जन्मदिन पर या किसी खास अवसर पर, उन्हें digital खत ज़रूर भेजता रहा हूँ। ये भी अपने आप में अलग ही सुकून देता है।
ज्यादातर तो मैं English में ही लिखता आया हूँ, लेकिन अब हिंदी में भी लिखने का मन है। हिंदी में लिखना या पढ़ना हमेशा से ही अच्छा लगता रहा है, लेकिन QWERTY keyboard की सहूलियत और हिंदी में ख़राब होती लिखावट की वजह से हिंदी की तरफ रुझान कम होता गया।
अब technology के इस्तेमाल से हिंदी में लिखना भी काफी आसान हो गया, सो अब से मेरी कोशिश रहेगी कि आगे के updates हिंदी में ही लिखूँ।
हाल ही में मैंने social media से दूरी बनाई है, सो अब से मेरी कोशिश है कि मैं रोज़ यहाँ कुछ न कुछ लिखूँ। रोज़ नहीं तो week में कम से कम एक बार तो लिख ही सकता हूँ।
In fact मैं तो चाहता हूँ कि सभी लोग social media का इस्तेमाल कम से कम करें, और कुछ न कुछ लिखना या पढ़ना शुरू करें, फिर चाहे वो diary हो या कोई अच्छी किताब।
इस blog को फिर से शुरू करने के पीछे मेरा यही उद्देश्य है कि, लोग (खासकर वो सभी जो मुझसे छोटे हैं) उन्हें Smartphone के 'REEL World' और अपने 'REAL World' के बीच का अंतर पता चल सके। उन्हें mobile games और physical games में फ़र्क समझ आए। वो बस इतना सोचना शुरू कर दें कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या अच्छा नहीं है।
आज के लिए इतना ही| उम्मीद है की आपको मेरा message अच्छा लगा होगा और आप अपने जीवन में इसे apply करेंगें|
धन्यवाद!
हालाँकि कुछ ख़ास दोस्तों के जन्मदिन पर या किसी खास अवसर पर, उन्हें digital खत ज़रूर भेजता रहा हूँ। ये भी अपने आप में अलग ही सुकून देता है।
ज्यादातर तो मैं English में ही लिखता आया हूँ, लेकिन अब हिंदी में भी लिखने का मन है। हिंदी में लिखना या पढ़ना हमेशा से ही अच्छा लगता रहा है, लेकिन QWERTY keyboard की सहूलियत और हिंदी में ख़राब होती लिखावट की वजह से हिंदी की तरफ रुझान कम होता गया।
अब technology के इस्तेमाल से हिंदी में लिखना भी काफी आसान हो गया, सो अब से मेरी कोशिश रहेगी कि आगे के updates हिंदी में ही लिखूँ।
हाल ही में मैंने social media से दूरी बनाई है, सो अब से मेरी कोशिश है कि मैं रोज़ यहाँ कुछ न कुछ लिखूँ। रोज़ नहीं तो week में कम से कम एक बार तो लिख ही सकता हूँ।
In fact मैं तो चाहता हूँ कि सभी लोग social media का इस्तेमाल कम से कम करें, और कुछ न कुछ लिखना या पढ़ना शुरू करें, फिर चाहे वो diary हो या कोई अच्छी किताब।
इस blog को फिर से शुरू करने के पीछे मेरा यही उद्देश्य है कि, लोग (खासकर वो सभी जो मुझसे छोटे हैं) उन्हें Smartphone के 'REEL World' और अपने 'REAL World' के बीच का अंतर पता चल सके। उन्हें mobile games और physical games में फ़र्क समझ आए। वो बस इतना सोचना शुरू कर दें कि उनके लिए क्या अच्छा है और क्या अच्छा नहीं है।
आज के लिए इतना ही| उम्मीद है की आपको मेरा message अच्छा लगा होगा और आप अपने जीवन में इसे apply करेंगें|
धन्यवाद!
Madhusudan Somani
Comments
Post a Comment