#5. स्पष्टवादी हिंदी vs Ambiguous English
आज मैंने कुछ ऐसा सोचा जिसने मुझे वाकई विचार करने पर मजबूर कर दिया। यह कुछ ऐसा है जो हम सभी अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अनुभव करते हैं, लेकिन शायद ही कभी इस पर ध्यान देते हैं: भाषा की स्पष्टता। विशेष रूप से, मैं हिंदी और अंग्रेज़ी के बीच के अंतर के बारे में सोच रहा था, खासकर जब बात स्पष्टता की आती है।
मुझे लगता है कि हिंदी में एक अद्भुत स्पष्टता है। जब आप हिंदी में कुछ कहते हैं, तो अक्सर उसका अर्थ बिलकुल सीधा और स्पष्ट होता है। शब्दों में ही उनका अर्थ समाहित होता है। उदाहरण के लिए, "सूर्य उदय हो रहा है" - इसमें कोई संदेह नहीं कि सूरज निकल रहा है। या "मुझे भूख लगी है" - सीधा मतलब, भूख लगी है। हिंदी के शब्द अपने आप में पूर्ण और आत्मनिर्भर होते हैं, जो बात को समझने में बहुत आसान बना देते हैं।
इसके विपरीत, अंग्रेज़ी कभी-कभी बहुत उलझन भरी हो सकती है। एक ही शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं, या फिर वाक्य-विन्यास के कारण अर्थ बदल सकता है। अक्सर मुझे ऐसा लगता है कि अंग्रेज़ी में बात करते समय या कुछ पढ़ते समय, आपको संदर्भ पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है। कभी-कभी तो मज़ाक में भी लोग कहते हैं कि अंग्रेज़ी में "Yes" कहने का मतलब "No" भी हो सकता है, अगर उसे सही लहजे में न कहा जाए! यह अस्पष्टता कई बार गलतफहमी पैदा कर सकती है, खासकर जब आप किसी नई जगह पर हों या किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहे हों जिसकी मातृभाषा अंग्रेज़ी न हो।
सोचो, "सेट" (Set) शब्द को ही ले लो। अंग्रेज़ी में इसके दर्जनों अर्थ हो सकते हैं - एक सेट डिनर, एक टीवी सेट, सूरज का सेट होना, या किसी चीज़ को सेट करना। हिंदी में हर एक के लिए अलग शब्द है, जैसे "समुच्चय", "टेलीविजन", "अस्त होना", "स्थापित करना"। यह दर्शाता है कि हिंदी अपनी शब्दावली में कितनी समृद्ध और सटीक है।
मुझे लगता है कि यही कारण है कि मुझे हिंदी में बात करना और लिखना बहुत पसंद है। इसमें एक सरलता और ईमानदारी है जो सीधे दिल तक पहुँचती है। और तो और, जब हम स्पष्ट रूप से हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, तो हमारी बात में वजन बढ़ जाता है। आप अमिताभ बच्चन की भाषा शैली को ही देख लीजिए – उनकी हिंदी में एक ऐसी गरिमा और स्पष्टता है जो उनकी बात को और भी प्रभावशाली बना देती है। उनके हर शब्द में एक आत्मविश्वास और अधिकार झलकता है, और यह सब उनकी हिंदी भाषा पर पकड़ और उसके स्पष्ट प्रयोग के कारण ही संभव हो पाता है।
अंग्रेज़ी अपनी जगह अच्छी है, और इसकी वैश्विक पहुँच भी है, लेकिन जब बात अर्थ की स्पष्टता, सीधी अभिव्यक्ति और बात में वजन पैदा करने की आती है, तो मेरे लिए हिंदी हमेशा आगे रहती है।
शुभ रात्रि!
Madhusudan Somani.
मुझे लगता है कि हिंदी में एक अद्भुत स्पष्टता है। जब आप हिंदी में कुछ कहते हैं, तो अक्सर उसका अर्थ बिलकुल सीधा और स्पष्ट होता है। शब्दों में ही उनका अर्थ समाहित होता है। उदाहरण के लिए, "सूर्य उदय हो रहा है" - इसमें कोई संदेह नहीं कि सूरज निकल रहा है। या "मुझे भूख लगी है" - सीधा मतलब, भूख लगी है। हिंदी के शब्द अपने आप में पूर्ण और आत्मनिर्भर होते हैं, जो बात को समझने में बहुत आसान बना देते हैं।
इसके विपरीत, अंग्रेज़ी कभी-कभी बहुत उलझन भरी हो सकती है। एक ही शब्द के कई अर्थ हो सकते हैं, या फिर वाक्य-विन्यास के कारण अर्थ बदल सकता है। अक्सर मुझे ऐसा लगता है कि अंग्रेज़ी में बात करते समय या कुछ पढ़ते समय, आपको संदर्भ पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है। कभी-कभी तो मज़ाक में भी लोग कहते हैं कि अंग्रेज़ी में "Yes" कहने का मतलब "No" भी हो सकता है, अगर उसे सही लहजे में न कहा जाए! यह अस्पष्टता कई बार गलतफहमी पैदा कर सकती है, खासकर जब आप किसी नई जगह पर हों या किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहे हों जिसकी मातृभाषा अंग्रेज़ी न हो।
सोचो, "सेट" (Set) शब्द को ही ले लो। अंग्रेज़ी में इसके दर्जनों अर्थ हो सकते हैं - एक सेट डिनर, एक टीवी सेट, सूरज का सेट होना, या किसी चीज़ को सेट करना। हिंदी में हर एक के लिए अलग शब्द है, जैसे "समुच्चय", "टेलीविजन", "अस्त होना", "स्थापित करना"। यह दर्शाता है कि हिंदी अपनी शब्दावली में कितनी समृद्ध और सटीक है।
मुझे लगता है कि यही कारण है कि मुझे हिंदी में बात करना और लिखना बहुत पसंद है। इसमें एक सरलता और ईमानदारी है जो सीधे दिल तक पहुँचती है। और तो और, जब हम स्पष्ट रूप से हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, तो हमारी बात में वजन बढ़ जाता है। आप अमिताभ बच्चन की भाषा शैली को ही देख लीजिए – उनकी हिंदी में एक ऐसी गरिमा और स्पष्टता है जो उनकी बात को और भी प्रभावशाली बना देती है। उनके हर शब्द में एक आत्मविश्वास और अधिकार झलकता है, और यह सब उनकी हिंदी भाषा पर पकड़ और उसके स्पष्ट प्रयोग के कारण ही संभव हो पाता है।
अंग्रेज़ी अपनी जगह अच्छी है, और इसकी वैश्विक पहुँच भी है, लेकिन जब बात अर्थ की स्पष्टता, सीधी अभिव्यक्ति और बात में वजन पैदा करने की आती है, तो मेरे लिए हिंदी हमेशा आगे रहती है।
शुभ रात्रि!
Madhusudan Somani.
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