19. खुशी का सबसे बड़ा स्रोत: कृतज्ञता (Gratitude)
नमस्ते दोस्तों,
आज मैं एक ऐसे विचार पर बात करना चाहता हूँ जो मेरी ज़िंदगी में बहुत मायने रखता है, और मेरा मानना है कि यह सच्ची खुशी की कुंजी है: खुशी का सबसे बड़ा स्रोत हर पल आभारी रहने की क्षमता है।
सोचिए, हम अक्सर सोचते हैं कि जब हमारी सारी इच्छाएँ पूरी हो जाएंगी, जब हमारे पास वो सब कुछ होगा जो हम चाहते हैं, तब हम खुश होंगे। हम बड़े लक्ष्यों का पीछा करते हैं, बड़ी सफलताओं का इंतज़ार करते हैं, और इस उम्मीद में कि 'जब ऐसा होगा, तब मैं खुश होऊंगा' अपने वर्तमान को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन क्या सच में ऐसा होता है?
मैंने अपनी ज़िंदगी में यह देखा है कि खुशियाँ अक्सर उन चीज़ों में नहीं होतीं जो हमारे पास नहीं हैं, बल्कि उनमें होती हैं जो हमारे पास पहले से हैं। एक व्यवसायी के तौर पर, लुधियाना में रहते हुए, मैंने उतार-चढ़ाव दोनों देखे हैं। लेकिन हर स्थिति में, मैंने पाया है कि जब मैंने छोटी-छोटी चीज़ों के लिए भी आभार व्यक्त करना सीखा, तब मेरे अंदर एक अलग ही तरह की शांति और खुशी महसूस हुई।
कृतज्ञता: ज़िंदगी का एक नया नज़रिया
कृतज्ञता (Gratitude) सिर्फ़ 'धन्यवाद' कहने से कहीं ज़्यादा है। यह ज़िंदगी को देखने का एक नज़रिया है। यह मुश्किल वक्त में भी कुछ अच्छा ढूंढने की क्षमता है। जब हम आभारी होते हैं, तो हम अपनी कमियों या उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित नहीं करते जो हमारे पास नहीं हैं। इसके बजाय, हम उन blessings पर ध्यान देते हैं जो हमारे पास पहले से हैं।
सुबह उठकर साँस लेना।
छत के नीचे एक सुरक्षित घर होना।
पेट भरने के लिए भोजन होना।
एक स्वस्थ शरीर होना (भले ही उसमें कुछ छोटी-मोटी परेशानियां हों)।
प्यार करने वाला परिवार और दोस्त होना।
सूर्य का उगना और डूबना।
पक्षियों का चहचहाना।
ये चीज़ें हमें इतनी आम लगती हैं कि हम अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन जरा सोचिए, दुनिया में कितने लोग इन मूलभूत चीज़ों से भी वंचित हैं।
मुश्किलों में भी आभार
यह कहना आसान है कि 'खुशी में आभारी रहो', लेकिन असली चुनौती तब आती है जब ज़िंदगी मुश्किल लगती है। जब कोई प्रोजेक्ट फेल हो जाए, जब कोई रिश्ता टूट जाए, या जब कोई स्वास्थ्य समस्या आ जाए। ऐसे समय में भी आभार कैसे व्यक्त करें?
यह आसान नहीं होता, लेकिन यहीं पर इसकी शक्ति निहित है। जब आप मुश्किलों में भी किसी छोटी सी बात के लिए आभारी होते हैं – जैसे कि आपके पास उन मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत है, या आपके पास समर्थन करने वाले लोग हैं – तो आपका नज़रिया बदलने लगता है। यह आपको नकारात्मकता में डूबने से बचाता है और आपको आगे बढ़ने की शक्ति देता है।
खुशी की एक अंतहीन श्रंखला
जब हम हर पल आभारी रहते हैं, तो हम खुशी की एक अंतहीन श्रंखला बनाते हैं। कृतज्ञता हमें और अधिक सकारात्मक अनुभवों की ओर आकर्षित करती है। यह हमारे दिमाग को अच्छी चीज़ों को पहचानने के लिए प्रशिक्षित करती है। यह एक ऐसा चक्र है जहाँ जितनी ज़्यादा आप कृतज्ञता महसूस करते हैं, उतनी ही ज़्यादा खुशी आपको मिलती है।
तो दोस्तों, आइए आज से ही इस आदत को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाएं। रोज़ सुबह उठकर उन तीन चीज़ों के बारे में सोचें जिनके लिए आप आभारी हैं। रात को सोने से पहले, दिन की किसी अच्छी चीज़ के लिए आभार व्यक्त करें। आप देखेंगे कि आपकी ज़िंदगी में खुशी का स्तर कैसे बढ़ने लगता है।
याद रखें, खुशी बाहर से नहीं आती; यह आपके अंदर, आपके कृतज्ञता भरे दिल से उपजती है।
धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Sector 32A, Ludhiana.
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