#15. हम वो हैं जो हम खुद को बनाते हैं

नमस्ते दोस्तों,

आज एक ऐसे विचार पर बात करते हैं जो मुझे हमेशा से बहुत शक्तिशाली लगा है: हम जो हैं, उसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं, और हम जो कुछ भी बनना चाहते हैं, उसे बनाने की शक्ति भी हमारे ही पास है।

सोचिए, कितनी बड़ी बात है ये! अक्सर हम अपनी परिस्थितियों, अपनी किस्मत, या दूसरों पर अपनी खुशी और अपने हालातों का दोष मढ़ देते हैं। "मैं ऐसा इसलिए हूँ क्योंकि मेरे साथ ऐसा हुआ," या "मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मुझे मौका नहीं मिला।" लेकिन क्या यह सच है? या क्या हम अनजाने में अपनी ही शक्ति को दूसरों के हाथ में सौंप रहे होते हैं?

मुझे लगता है कि असलियत यह है कि हमारे अंदर वो ताकत है जिससे हम अपनी ज़िंदगी को अपनी इच्छा के अनुसार ढाल सकते हैं। ये सिर्फ कहने की बातें नहीं हैं, ये वो सच्चाई है जिसे मैंने अपनी ज़िंदगी में महसूस किया है।

सेहत से लेकर रिश्तों तक: खुद को कैसे गढ़ें

चलिए एक आसान से उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए हम चाहते हैं कि हम एक स्वस्थ जीवन जिएं। यह सिर्फ सोचने भर से नहीं होगा, है ना? इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा। हम तय कर सकते हैं कि हम सुबह उठकर वर्कआउट करेंगे, योग करेंगे, या टहलने जाएंगे। शुरुआत में आलस आएगा, शरीर दुखेगा, लेकिन अगर हमने ठान लिया कि हमें ऐसा ही बनना है – एक स्वस्थ व्यक्ति – तो हम इसे कर सकते हैं। धीरे-धीरे ये आदतें हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन जाती हैं।

और सिर्फ सेहत ही क्यों? हम अपनी प्रेरणादायक आदतें भी खुद बना सकते हैं। जैसे, अगर हम चाहते हैं कि हम अपने परिवार के साथ ज़्यादा समय बिताएं, उनके साथ बातें करें, हँसें, तो हम यह कर सकते हैं। या अगर हम किताबें पढ़ने की आदत डालना चाहते हैं, तो हमें बस शुरुआत करनी है, रोज़ कुछ पन्ने पढ़ने हैं। ये छोटी-छोटी आदतें ही हमें वो इंसान बनाती हैं जो हम बनना चाहते हैं।

मोबाइल से दूरी और बच्चों पर असर

आजकल की सबसे बड़ी चुनौती क्या है? मोबाइल फोन! हम सभी जानते हैं कि मोबाइल पर ज़्यादा समय बिताना हमारी आँखों, दिमाग और रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है। अगर हम वाकई ये चाहें कि हम मोबाइल पर कम समय बिताएं, तो हम ये ज़रूर कर सकते हैं। इसके लिए हमें बस खुद पर थोड़ा नियंत्रण रखना होगा, कुछ नियम बनाने होंगे।

और इसका सबसे बड़ा फायदा जानते हैं क्या है? यह हमारे परिवार के सदस्यों, खासकर हमारे बच्चों में अच्छी आदतों को बढ़ावा देगा। बच्चे हमें देखकर सीखते हैं। अगर वे देखेंगे कि आप सुबह उठकर व्यायाम कर रहे हैं, किताबें पढ़ रहे हैं, या उनके साथ समय बिता रहे हैं बजाय इसके कि आप हर वक्त फोन में लगे रहें, तो वे भी इन आदतों को अपनाना चाहेंगे। आपकी ज़िंदगी जीने का तरीका ही उनके लिए सबसे बड़ी सीख बन जाएगा।

आपकी शक्ति, आपकी पसंद

हम सभी के पास हर पल यह चुनाव करने की शक्ति है कि हम कौन बनना चाहते हैं। क्या हम शिकायतों से भरी ज़िंदगी जीना चाहते हैं, या चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ना चाहते हैं? क्या हम दूसरों पर निर्भर रहना चाहते हैं, या अपनी खुशी और अपनी सफलता के लिए खुद ज़िम्मेदारी लेना चाहते हैं?

तो दोस्तों, याद रखिए: आप वो हैं जो आप खुद को बनाते हैं। आपके अंदर वो सारी शक्ति है जिससे आप अपनी ज़िंदगी को अपनी इच्छा के अनुसार ढाल सकते हैं। बस एक फैसला करने की देर है, और फिर उस पर टिके रहने की।

धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Sector 32A, Ludhiana.

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