#12. दो बोल इंग्लिश के नहीं, सम्मान की भाषा है शिक्षा

नमस्ते दोस्तों,

आजकल अक्सर देखने को मिलता है कि हम शिक्षा को कुछ तय पैमानों पर आंकने लगे हैं। खासकर जब बात अंग्रेजी बोलने की आती है, तो एक धारणा बन गई है कि जो दो शब्द अंग्रेजी के बोल लेता है, वही पढ़ा-लिखा है। क्या यह सच है? क्या शिक्षा का अर्थ केवल एक भाषा पर पकड़ होना है, या कुछ और भी है जो इससे कहीं ज्यादा गहरा और महत्वपूर्ण है?

मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ, और शायद आप भी इससे सहमत होंगे, कि शिक्षा का असली पैमाना हमारी भाषा या डिग्रियां नहीं, बल्कि हमारा व्यवहार और दूसरों के प्रति हमारा सम्मान है।

मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं, उनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां भी होती हैं, लेकिन उनके बात करने का तरीका, उनका दूसरों के प्रति रवैया, कहीं न कहीं शिक्षा के असली मायने से कोसों दूर होता है। वे शायद शब्दों में तो बहुत कुछ कह सकते हैं, पर उनके व्यवहार में नम्रता और सम्मान की कमी साफ झलकती है।

इसके उलट, ऐसे भी लोग हैं जो शायद अंग्रेजी में बात करने में उतने सहज न हों, जिनके पास औपचारिक डिग्रियां शायद कम हों, लेकिन उनका स्वभाव, उनकी विनम्रता, उनका हर किसी का सम्मान करने का तरीका, यह दर्शाता है कि वे सही मायनों में शिक्षित हैं। वे हर व्यक्ति को समान समझते हैं, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से हो, किसी भी पद पर हो। उनका व्यवहार ही उनकी सबसे बड़ी शिक्षा का प्रमाण होता है।

असली शिक्षा हमें क्या सिखाती है?

  • विनम्रता: यह हमें सिखाती है कि हम चाहे कितने भी सफल हो जाएं, हमें हमेशा जमीन से जुड़ा रहना चाहिए।

  • समानता: यह हमें सिखाती है कि हर इंसान बराबर है, और किसी को भी उसकी जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर आंकना गलत है।

  • सहानुभूति: यह हमें दूसरों के दर्द को समझने और उनकी मदद करने के लिए प्रेरित करती है।

  • सम्मान: यह सबसे महत्वपूर्ण है। असली शिक्षा हमें हर व्यक्ति का सम्मान करना सिखाती है, चाहे वह हमसे छोटा हो या बड़ा, हमारा नौकर हो या मालिक।

सोचिए, एक ऐसा समाज जहाँ हर कोई एक-दूसरे का सम्मान करता है, जहाँ भाषा या दिखावे से ज्यादा इंसानियत को महत्व दिया जाता है, वह समाज कितना सुंदर और खुशहाल होगा।

तो अगली बार जब हम किसी को 'शिक्षित' कहें, तो सिर्फ उसकी अंग्रेजी या उसकी डिग्रियों पर ध्यान न दें। इसके बजाय, यह देखें कि वह व्यक्ति दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करता है। क्या वह सभी का सम्मान करता है? क्या उसके मन में सबके लिए सद्भाव है?

मुझे विश्वास है कि जो व्यक्ति हर किसी का सम्मान करता है, वही सही मायनों में शिक्षित है। यह शिक्षा ही हमें बेहतर इंसान बनाती है और दुनिया को एक बेहतर जगह।

धन्यवाद,
Madhusudan Somani,
Sector 32A, Ludhiana.

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